Quenched the thirst of friend's wife's pussy
Prikaži više
Sakrij
Objavio/la Storysuno
Videotranskripcija
मुकेश नहा धो कर फ्रेश हो गया.
बुष्रा ने उसे चाय नाश्ता दिया.
उसने खुद भी एक कप चाय ली
और दोनों सामने सामने बैट कर बाते करते हुए चाय पीने लगे.
मुकेश शान्थ था.
बुष्रा बोली मुकेश जी,
मैं आपको क्या कहे कर पुकारूं?
मुकेश कहू या मुकेश जी
या कुछ और.
इस पर मुकेश बोला आप मेरी भाभी हैं,
कुछ भी बुलाईए.
बुष्रा मुस्कुरा दी.
फिर जब मुकेश ने बुष्रा के बनाए नाश्ते की तारीफ की,
तो बुष्रा को बड़ा अच्छा लगा.
वो बोला, भाभी जी,
आपने नाश्ता बहुत लजीज बनाया है,
आपके हाथों में जादू है,
जी करता है आपके हाथ चूम.
ये कहते कहते, वो अचानक से चुब हो गया.
बुष्रा बोली बोलीये ना मुकेश,
जी, आप चुब क्यों हो गये,
मुझे अच्छा लगेगा, अगर कोई मेरी तारीफ करे तो.
तब मुकेश बोला, भाभी,
नाश्ता अच्छा बना था.
बुष्रा इठला कर बोली, ऐसे नहीं,
जैसे पहले बोले,
वो पूरा करो न, मुझे अच्छा लगेगा.
तब मुकेश बोला,
भाभी, नाश्ता इतना अच्छा बना है,
कि दिल करता है कि आपके हाथ चूम लूँ.
ये सुनते ही बुष्रा ने अपना हाथ आगे किया,
और बोली लो कर लो अपनी हस्रत पूरी.
ये देख कर मुकेश शर्माया और बोला,
भाभी, आप मजा कर रही हैं,
तो बुष्रा बोली नहीं, हमें भी अच्छा लगेगा.
अगर कोई हमारी तारीफ करता है तो,
हमें इनाम देता है तो,
और हमारा हाथ चूमना,
हमें हमारी तारीफ ही लगेगी.
ये कहकर बुष्रा ने फिर से अपना हाथ आगे कर दिया.
इस बार मुकेश ने बुष्रा का हाथ ठामा
और बड़ी नजाकत से उसे चूमा.
कुछ देर तक मुकेश ने अपने हूंट उसके हाथ पर ही चिपकाए रखे,
...
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